Monday, August 4, 2025

सावन



महादेव को समर्पित है यह महीना,

जल और दूध से होती है उनकी सेवा।

सिर्फ भांग-धतूरा ही नहीं,

बेलपत्र भी चढ़ता है उनको चढ़ावा।


शिव तांडव नहीं,

बादलों और बिजली की गूँज होती है।

मानो भोलेनाथ को जल चढ़ाने,

खुद इंद्रदेव और गंगा मैया भी आती हैं।


अजगैबीनाथ से जल लेकर,

सभी भक्तगण जाते है बाबा धाम।

पैदल, दौड़कर, और दंडवत करते हुए,

भक्त जाते है इनको करने प्रणाम।


लड़कियाँ पहनती हैं हरे जोड़े,

वहीं लड़के हो जाते हैं भगवा धारी।

सावन के इस पावन महीने में,

उपवास रख मनाते हैं सोमवारी।


प्रकृति में छा जाती है हरियाली,

जग में गूँजता है देवों के देव का नाम।

सभी सनातनी मन को शुद्ध रख,

'बम भोले' की भक्ति में डूब, मनाते हैं सावन।


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